बनाते है मिटाते है
ना जाने किस ख़यालोमे
आज कल हम खुदको
खोए खोयेसे पाते है.
ना दर्दकी एहसस, ना ही
खुशी की कुछ राहट की सास.
ना किसी कोई आसार हुम्पे,
तूही बतादे ये कॉनसा जहमे हम जीते है.
जलती रहते है तेरी
यादे हर पल मुझको, फिर
भी हसते रहते है.क्योन
वादा लिया था तुमने हसनेकी..