ये तनहाई एक बार,
मुझे ये तो बता,
क्यों तुझको मेरी,
याद इतनी आती है.
ऐसी क्या ख़ासियत
है जो मुझमे, जो
मूज़े ही पता नही, जो
तुजको इतना बाहती है.
हर कोई छोड़ दिया
मेरा साथ,
बिताके कुछ लम्हे,
बनके रहे सिर्फ़
मेरे लिए कुछ यादे.
बीतते हुवे वक़्त के साथ.
इस मोड पे आ
इस मोड पे आ
पहुँचे है
हम जिंदगी के,
जहा यादे भी
डरते है, मूह
मोड़ लेते है हुम्से,
सोच लेता हू
कुछ पलके लिए काश
वो तो हमे सताते.
उलझ रहे खुदसे,
काश और लेकिन
के बिचमे.
वो काश जो हमेशा
के लिए काश ही
रहा गया.
लेकिन तो कभी
सच्चाई का सामना
ही ना कर पाया.
फिर किस बात की
फिर किस बात की
शिकायत हो सकती
है तुमसे,
सोच लेते है की
हम तूमे ही
अपनाए.
फिर किस बतकी
गम की हम
तनहा रहते है.
इतना तो विस्वास
है हमे, की तुम जिंदगी
भर साथ तो देते हो.