Thursday, February 22, 2007

यादे

बनाते है मिटाते है
ना जाने किस ख़यालोमे
आज कल हम खुदको
खोए खोयेसे पाते है.

ना दर्दकी एहसस, ना ही
खुशी की कुछ राहट की सास.
ना किसी कोई आसार हुम्पे,
तूही बतादे ये कॉनसा जहमे हम जीते है.

जलती रहते है तेरी
यादे हर पल मुझको, फिर
भी हसते रहते है.क्योन
वादा लिया था तुमने हसनेकी..